Fascination About kismat ka upay
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धनतेरस पर करे राशिनुसार उपाय होगी धन की बरसात
रत्न की जगह धारण कर सकते है पेड़ों की जड़ें भी
नौवें भाव में केतु उच्च का और राहु नीच का माना गया है। यदि आपकी कुंडली में यह स्थिति है तो भाग्य पर अशुभ ग्रह स्थित है। हो सकता है कि इस स्थान पर अशुभ या क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो या गुरु पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि या गुरु शत्रु भाव में बैठा हो तो भाग्य कमजोर होगा और जातक को भाग्य का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। अर्थात उसे उसके भाग्य से कुछ भी नहीं मिलेगा।
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दीवारों की मोटाई : इस बात का भी विशेष ध्यान रहे कि घर की दक्षिण और पश्चिम में स्थित दीवारें और बाउंड्री उत्तर और पूर्व की तरफ की दीवारों से ऊंची और मोटी होना चाहिए।
कुंडली में भाग्य- कुंडली में नवम भाग को ज्योतिष में भाग्य और लाल किताब में धर्मी भाव माना जाता है। नवम भाव का स्वामी गुरु होता है जिसे नवमेश या भाग्येश कहते हैं। मतलब यह कि आपकी कुंडली में नवम भाव और नवमेश शुभ नहीं है, तो उन पर शुभ ग्रहों का प्रभाव नहीं है या सोए हुए हैं तो आपको जीवनभर संघर्ष ही करते रहना होगा।
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नंगे पैर धर्म स्थान में जाएं। यदि प्याऊ लगायें लोगो के लिए पीने के पानी का प्रबंध करें तो बहुत उत्तम है।
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* वृषभ राशि के जातक प्रतिदिन अपने घर में घी का दीपक अवश्य जलाएं। आप लोग शुक्रवार का ब्रत रखें, सदैव साफ कपड़े पहनेंऔर इस्त्र का प्रयोग करें.
कवि की करुण पुकार – आचार्य डॉ अजय दीक्षित “अजय”